गेंगा रोग, जिसे आम भाषा में खाज या स्केबीज (Scabies) भी कहते हैं, एक त्वचा सम्बन्धी बेहद संक्रामक समस्या है। इसकी शुरुआत छोटे-छोटे दानों और तेज खुजली से होती है, जो रात के समय और अधिक बढ़ जाती है। यह रोग एक microscopic mite (Sarcoptes scabiei) के कारण फैलता है जो त्वचा के अंदर घर बना लेता है और अंडे देता है।

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आयुर्वेद में गेंगा रोग को “पामा” या “विचर्चिका” के नाम से जाना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, यह रोग वात और कफ दोष के प्रकोप के साथ-साथ अशुद्ध रक्त के कारण होता है। इस लेख में, हम गेंगा रोग के आयुर्वेदिक दृष्टिकोण, कारण, लक्षण और प्रभावी घरेलू उपचार पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

गेंगा रोग के मुख्य लक्षण (Symptoms of Ghenga Disease)

अगर आपमें निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें, तो हो सकता है आपको गेंगा रोग हुआ हो:

  • तेज खुजली: विशेषकर रात के समय खुजली का बढ़ना।
  • दाने और फुंसियां: त्वचा पर लाल रंग के छोटे-छोटे दाने निकल आना।
  • धारियां (Burrows): त्वचा पर सफेद या भूरे रंग की पतली, तिरछी धारियां दिखना, जो घुन द्वारा बनाए गए सुरंग होते हैं।
  • खरोंच के निशान: लगातार खुजलाने के कारण त्वचा पर जख्म और घाव बन जाना।
  • प्रभावित areas: यह समस्या ज्यादातर उंगलियों के बीच, कलाई, कोहनी, बगल, नितंब, जननांग और पेट के आसपास होती है।

आयुर्वेद के अनुसार गेंगा रोग के कारण (Causes According to Ayurveda)

आयुर्वेद मानता है कि गेंगा रोग मुख्य रूप से निम्न कारणों से होता है:

  1. दोष असंतुलन: मुख्यतः वात और कफ दोष का बिगड़ना।
  2. रक्त दूषण: अशुद्ध (दूषित) रक्त इस रोग का प्रमुख कारण है।
  3. गलत आहार: बासी, अधिक नमकीन, मसालेदार और अपचन पैदा करने वाले भोजन का सेवन।
  4. अनहेल्दी लाइफस्टाइल: गंदगी, दूषित पानी के संपर्क में आना और संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, तौलिया आदि इस्तेमाल करना।

गेंगा रोग का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic Treatment for Scabies)

आयुर्वेद में इस रोग के इलाज का मुख्य उद्देश्य दोषों को संतुलित करना, रक्त को शुद्ध करना और घुन (mite) को खत्म करना है। इलाज की प्रक्रिया में आहार, जीवनशैली में बदलाव और औषधीय plants का use शामिल है।

1. आयुर्वेदिक घरेलू उपचार (Effective Ayurvedic Home Remedies)

a) नीम (Neem) – प्राकृतिक कीटनाशक

नीम अपने रक्तशोधक (blood purifier), एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-पैरासिटिक गुणों के लिए जाना जाता है।

  • कैसे use करें: नीम की ताज़ा पत्तियों को पानी में उबालकर उस पानी से नहाएं। या फिर नीम के पाउडर को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएं और प्रभावित जगह पर लगाएं।
  • फायदा: खुजली कम करेगा, घुन को मारेगा और नए संक्रमण को रोकेगा।

b) हल्दी (Turmeric) और नीम का पेस्ट

हल्दी एक शक्तिशाली एंटी-सेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी agent है।

  • कैसे use करें: एक चम्मच हल्दी पाउडर में नीम का तेल या पानी मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बनाएं। इसे सीधे दानों पर लगाएं और सूखने दें।
  • फायदा: खुजली और सूजन को तुरंत शांत करता है और घाव भरने में मदद करता है।

c) करंज (Karanja) का तेल

आयुर्वेद में करंज के तेल को त्वचा रोगों के लिए रामबाण माना जाता है।

  • कैसे use करें: प्रभावित area पर सीधे करंज के तेल से मालिश करें। इसे नहाने से एक घंटा पहले लगा कर रखें।
  • फायदा: यह तेल स्केबीज के घुन को effectively kill करता है।

d) सरसों का तेल (Mustard Oil) और कपूर

सरसों का तेल त्वचा में गहराई तक जाता है और कपूर खुजली को शांत करता है।

  • कैसे use करें: 50 ml सरसों के तेल में 2-3 कपूर की टिकिया मिलाकर गर्म करें। ठंडा होने पर इस मिश्रण को प्रभावित जगह पर लगाएं।
  • फायदा: तेज खुजली में तुरंत राहत देता है।

2. आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ और दवाएं (Ayurvedic Herbs and Medicines)

  • महानिम्बादि क्वाथ: एक प्रसिद्ध काढ़ा है जो रक्त शुद्धिकरण के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • कैशोर गुग्गुलु: यह गोली रक्त दोष और त्वचा की सूजन को दूर करती है।
  • गंधक रसायन: गंधक (Sulphur) को आयुर्वेद में त्वचा रोगों के लिए अत्यंत गुणकारी माना गया है।
  • पंचतिक्तक घृत: एक घी-आधारित preparation जो शरीर से toxins निकालने का काम करती है।

❗ महत्वपूर्ण सलाह: कोई भी आयुर्वेदिक दवा किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के बिना न लें।

3. आहार और जीवनशैली में बदलाव (Diet and Lifestyle Changes)

  • परहेज: तला-भुना, मसालेदार, अधिक नमकीन और खट्टा भोजन, दही, और समुद्री भोजन से दूरी बनाए रखें।
  • सेवन करें: हल्का, आसानी से पचने वाला भोजन जैसे मूंग दाल की खिचड़ी, पुराने चावल, और कड़वी सब्जियां (जैसे करेला) खाएं।
  • पानी: भरपूर मात्रा में पानी पिएं ताकि toxins शरीर से बाहर निकल सकें।
  • सफाई: रोज साफ कपड़े पहनें, अपने बिस्तर, तौलिए और कपड़ों को गर्म पानी से धोएं और धूप में सुखाएं। पूरे परिवार का एक साथ इलाज करवाएं ताकि रोग दोबारा न फैले।

निष्कर्ष (Conclusion)

गेंगा रोग या स्केबीज एक कष्टदायक समस्या है, लेकिन आयुर्वेदिक उपचार और जीवनशैली में सुधार से इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। नीम, हल्दी जैसी प्राकृतिक चीजें न केवल लक्षणों को कम करती हैं बल्कि रोग की जड़ तक जाकर उसे खत्म करती हैं। धैर्य रखें और नियमित रूप से इन उपायों को अपनाएं।

Disclaimer: यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी गंभीर स्वास्थ्य समस्या के लिए किसी योग्य आयुर्वेदिक डॉक्टर (Vaidya) या त्वचा रोग विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।