पीलिया क्या है? (What is Jaundice)
पीलिया (Jaundice) एक ऐसी बीमारी है जिसमें त्वचा, आँखों का सफेद भाग और श्लेष्मा झिल्ली पीले पड़ जाते हैं। यह शरीर में बिलीरुबिन (Bilirubin) नामक पदार्थ के बढ़ने के कारण होता है। बिलीरुबिन लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) के टूटने से बनता है और लीवर इसे प्रोसेस करके पित्त (Bile) के साथ बाहर निकालता है। जब यह प्रक्रिया बाधित होती है, तो पीलिया हो जाता है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!इस बिमारी के प्रकार (Types of Jaundice)
- हेमोलिटिक पीलिया (Hemolytic Jaundice) – RBCs के अधिक टूटने से होता है।
- हेपेटोसेलुलर पीलिया (Hepatocellular Jaundice) – लीवर की खराबी के कारण होता है।
- ऑब्सट्रक्टिव पीलिया (Obstructive Jaundice) – पित्त नलिकाओं में रुकावट के कारण होता है।
पीलिया के कारण (Causes of Jaundice)
- हेपेटाइटिस (Hepatitis A, B, C, D, E)
- लीवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis)
- पित्त पथरी (Gallstones)
- अधिक शराब का सेवन
- कुछ दवाओं का साइड इफेक्ट
- मलेरिया, लेप्टोस्पायरोसिस जैसे संक्रमण
पीलिया के लक्षण (Symptoms of Jaundice)
- त्वचा और आँखों का पीला पड़ना
- पेशाब का गहरा पीला या भूरा होना
- मल का रंग हल्का पीला या सफेद होना
- थकान और कमजोरी
- पेट दर्द और सूजन
- खुजली की समस्या
आयुर्वेद में पीलिया का इलाज (Ayurvedic Treatment for Jaundice)
आयुर्वेद में पीलिया को कामला (Kamala) कहा जाता है। इसे पित्त दोष की असंतुलित अवस्था माना जाता है। आयुर्वेदिक उपचार से पीलिया को प्राकृतिक रूप से ठीक किया जा सकता है।
1. आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ (Ayurvedic Herbs for Jaundice)
- भृंगराज (Eclipta Alba) – लीवर को डिटॉक्स करता है।
- कालमेघ (Andrographis Paniculata) – हेपेटाइटिस और पीलिया में फायदेमंद।
- गिलोय (Tinospora Cordifolia) – इम्यूनिटी बढ़ाता है और लीवर को मजबूत करता है।
- पुनर्नवा (Boerhavia Diffusa) – पित्त संतुलित करता है।
- त्रिफला (Amla, Haritaki, Bibhitaki) – शरीर को डिटॉक्स करता है।
2. आयुर्वेदिक घरेलू उपाय (Ayurvedic Home Remedies for Jaundice)
- मूली के पत्तों का रस – 20-30 ml रस सुबह खाली पेट पिएँ।
- गन्ने का रस – ताजा गन्ने का रस पीलिया में बहुत लाभकारी है।
- हल्दी वाला दूध – 1 चम्मच हल्दी + 1 गिलास गर्म दूध रोज पिएँ।
- पपीते का पत्ता – पपीते के पत्तों का रस शहद के साथ लें।
3. आहार और जीवनशैली (Diet and Lifestyle Tips in Jaundice)
- क्या खाएँ?
- मूंग दाल की खिचड़ी
- ताजे फल (सेब, अनार, पपीता)
- हरी पत्तेदार सब्जियाँ
- छाछ और नारियल पानी
- क्या न खाएँ?
- तला-भुना और मसालेदार भोजन
- अधिक नमक और चीनी
- शराब और धूम्रपान
- भारी प्रोटीन युक्त आहार
पीलिया से बचाव (Prevention of Jaundice)
- स्वच्छ पानी पिएँ।
- हेपेटाइटिस का टीका लगवाएँ।
- स्ट्रीट फूड और अस्वच्छ भोजन से बचें।
- नियमित योग और प्राणायाम करें (कपालभाति, अनुलोम-विलोम)।
निष्कर्ष (Conclusion)
पीलिया एक गंभीर बीमारी है, लेकिन आयुर्वेदिक उपचार और सही आहार से इसे ठीक किया जा सकता है। अगर लक्षण गंभीर हों, तो डॉक्टर से सलाह लें।