सोरायसिस क्या है ? (What is Psoriasis in)
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सोरायसिस एक त्वचा संबंधी पुराना रोग (Chronic Skin Disease) है, जिसमें त्वचा पर लाल, सूजन युक्त पैच (चकत्ते) और सफेद रंग की परत (Scales) बन जाती है। यह ऑटोइम्यून डिसऑर्डर (Autoimmune Disorder) है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) गलती से स्वस्थ त्वचा कोशिकाओं पर हमला कर देती है, जिससे त्वचा की कोशिकाएं तेजी से बढ़ने लगती हैं।
Psoriasis के प्रमुख लक्षण (Symptoms of Psoriasis)
- त्वचा पर लाल चकत्ते (Red Patches)
- सूखी, खुजलीदार त्वचा (Dry, Itchy Skin)
- त्वचा पर सफेद परत (Scaling)
- जोड़ों में दर्द (Psoriatic Arthritis)
- नाखूनों का मोटा होना या खराब होना
सोरायसिस के कारण (Causes of Psoriasis)
- आनुवंशिकता (Genetic Factors) – परिवार में पहले से मौजूद होने पर खतरा बढ़ता है।
- तनाव (Stress) – मानसिक तनाव सोरायसिस को ट्रिगर कर सकता है।
- संक्रमण (Infections) – गले का संक्रमण या त्वचा की चोट से सोरायसिस बढ़ सकता है।
- खराब जीवनशैली (Unhealthy Lifestyle) – धूम्रपान, अल्कोहल और अस्वस्थ आहार इस रोग को बढ़ावा देते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार सोरायसिस का उपचार (Ayurvedic Treatment for Psoriasis)
आयुर्वेद में सोरायसिस को “किटिभ” (Kitibha) कहा जाता है, जो वात और कफ दोष के असंतुलन के कारण होता है। आयुर्वेदिक उपचार में शरीर की विषाक्तता (Toxins) को दूर करना, रक्त शुद्धि (Blood Purification) और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना शामिल है।
1. आयुर्वेदिक दवाएं (Ayurvedic Medicines for Psoriasis)
- महामंजिष्ठादि क्वाथ (Mahamanjisthadi Kwath) – रक्त शुद्धिकरण के लिए।
- कैशोर गुग्गुल (Kaishore Guggulu) – सूजन और खुजली कम करने में मददगार।
- पंचतिक्त घृत (Panchatikta Ghrita) – त्वचा की समस्याओं को ठीक करता है।
- नीम (Neem) – एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर।
2. आयुर्वेदिक डाइट (Ayurvedic Diet for Psoriasis)
- हल्का और सात्विक भोजन लें (मौसमी फल, सब्जियाँ, दालें)।
- गर्म पानी पिएं और हर्बल टी (नीम, गिलोय, तुलसी) का सेवन करें।
- मसालेदार, तला हुआ और प्रोसेस्ड फूड से बचें।
- दूध और घी का सेवन करें (लेकिन दही और छाछ से परहेज करें)।
3. योग और प्राणायाम (Yoga and Pranayama for Psoriasis)
- भुजंगासन (Cobra Pose) – रक्त संचार बढ़ाता है।
- पवनमुक्तासन (Wind-Relieving Pose) – पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
- कपालभाति प्राणायाम – शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है।
4. जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Changes for Psoriasis)
- नियमित एक्सरसाइज करें और तनाव मुक्त रहें।
- प्राकृतिक तेलों (नारियल तेल, जैतून तेल) से मालिश करें।
- धूप सेंकने (Sun Exposure in Moderation) से विटामिन D मिलता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
सोरायसिस एक पुराना रोग है, लेकिन आयुर्वेदिक उपचार, सही आहार और योग के माध्यम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आप भी सोरायसिस से पीड़ित हैं, तो आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें और प्राकृतिक तरीके से स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ें।