परिचय

गर्मियों के मौसम में हीट स्ट्रोक (लू लगना) एक गंभीर समस्या बन जाती है। अत्यधिक गर्मी और नमी के कारण शरीर का तापमान बढ़ जाता है, जिससे डिहाइड्रेशन, चक्कर आना, उल्टी और बेहोशी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, हीट स्ट्रोक पित्त दोष के असंतुलन के कारण होता है। इस लेख में हम हीट स्ट्रोक के लक्षण, आयुर्वेदिक उपचार और बचाव के तरीकों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

हीट स्ट्रोक के प्रमुख लक्षण

  1. तेज बुखार (शरीर का तापमान 104°F से अधिक)
  2. सिरदर्द और चक्कर आना
  3. त्वचा का लाल होना और सूखापन
  4. मतली और उल्टी
  5. हृदय गति का तेज होना
  6. बेहोशी या मानसिक भ्रम

यदि इन लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए, तो यह जानलेवा भी हो सकता है।


आयुर्वेद के अनुसार हीट स्ट्रोक का कारण

आयुर्वेद में हीट स्ट्रोक को “पित्त प्रकोप” की स्थिति माना जाता है। पित्त दोष के बढ़ने से शरीर में गर्मी, जलन और अम्लता बढ़ जाती है। निम्न कारणों से हीट स्ट्रोक हो सकता है:

  • धूप में अधिक देर तक रहना
  • पानी की कमी (डिहाइड्रेशन)
  • गर्म और तीखा भोजन करना
  • शराब और कैफीन का अधिक सेवन

हीट स्ट्रोक का आयुर्वेदिक उपचार

1. तुरंत शीतलन उपाय

  • ठंडे पानी से स्नान करें या गीले कपड़े से शरीर पोंछें।
  • पैरों के तलवों और सिर पर सरसों का तेल लगाएं (गर्मी को कम करने में मददगार)।
  • नारियल पानी या छाछ पिएं (इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी दूर करता है)।

2. आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ

  • आंवला: विटामिन C से भरपूर, शरीर को ठंडक देता है।
  • धनिया: पानी में भिगोकर पीने से लू का प्रभाव कम होता है।
  • पुदीना: पुदीने का रस या चटनी गर्मी से राहत देती है।
  • गुलकंद: गुलाब की पंखुड़ियों से बना यह मिश्रण शरीर को ठंडक देता है।

3. आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे

  • इमली का पानी: इमली को पानी में भिगोकर पीने से लू का असर कम होता है।
  • कच्चे आम का पन्ना: गर्मी में यह सबसे अच्छा प्राकृतिक ठंडक देने वाला पेय है।
  • मिश्री और सौंफ का पानी: पित्त शांत करने में मदद करता है।

हीट स्ट्रोक से बचाव के आयुर्वेदिक उपाय

  1. भरपूर पानी पिएं – नारियल पानी, तरबूज का जूस और छाछ फायदेमंद हैं।
  2. हल्का और ठंडा भोजन लें – दही, खीरा, ककड़ी और सत्तू का सेवन करें।
  3. सूती और हल्के रंग के कपड़े पहनें
  4. दोपहर 12 से 3 बजे तक धूप में न निकलें
  5. आंवला चूर्ण या गिलोय का सेवन करें (रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है)।

निष्कर्ष

हीट स्ट्रोक एक गंभीर समस्या है, लेकिन आयुर्वेदिक उपचार और सावधानियों से इससे बचा जा सकता है। यदि लक्षण गंभीर हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। प्राकृतिक उपायों को अपनाकर गर्मी के प्रकोप से सुरक्षित रहें।