प्लूरिसी क्या है? (What is Pleurisy?)
प्लूरिसी (Pleurisy) पसली का दर्द एक गंभीर स्थिति है जिसमें फेफड़ों को ढकने वाली दोहरी परतों (प्लूरा) में सूजन आ जाती है। इस सूजन के कारण सांस लेते समय तेज दर्द होता है, जिसे “Pleuritic Pain” कहा जाता है। यह समस्या वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण, टीबी, निमोनिया या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हो सकती है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!पसली का दर्द के लक्षण (Symptoms of Pleurisy)
- सांस लेने या छींकने पर तेज दर्द
- सीने में भारीपन या जकड़न
- बुखार और ठंड लगना
- सूखी खांसी या बलगम वाली खांसी
- सांस लेने में तकलीफ
पसली दर्द का आयुर्वेदिक दृष्टिकोण (Ayurvedic Perspective on Pleurisy)
आयुर्वेद में प्लूरिसी को “पार्श्वशूल” (Parswa Shool) कहा जाता है, जो वात और कफ दोष के असंतुलन के कारण होता है। फेफड़ों में कफ जमने से सूजन और दर्द उत्पन्न होता है। आयुर्वेदिक उपचार में शरीर के दोषों को संतुलित करके रोग का मूल कारण दूर किया जाता है।
प्लूरिसी का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic Treatment for Pleurisy)
1. हर्बल औषधियाँ (Herbal Remedies)
- वासा (अडूसा): कफ निकालने और सूजन कम करने में सहायक।
- तुलसी और अदरक: एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर, सांस की तकलीफ दूर करता है।
- हल्दी और शहद: गर्म दूध के साथ लेने से सूजन और दर्द में आराम मिलता है।
- यष्टिमधु (मुलेठी): गले और फेफड़ों की जलन शांत करता है।
2. आयुर्वेदिक डाइट (Ayurvedic Diet)
- गर्म पानी और हर्बल टी: अदरक, तुलसी और काली मिर्च वाली चाय फायदेमंद।
- हल्का और गर्म भोजन: मूंग दाल की खिचड़ी, सूप और उबले हुए सब्जियाँ लें।
- दूध में हल्दी: रात को सोने से पहले लें, प्रतिरक्षा बढ़ाता है।
3. योग और प्राणायाम (Yoga & Pranayama)
- कपालभाति प्राणायाम: फेफड़ों को मजबूत करता है।
- भुजंगासन (Cobra Pose): सीने की जकड़न दूर करता है।
- अनुलोम-विलोम: श्वसन तंत्र को स्वस्थ रखता है।
प्लूरिसी में बचाव के उपाय (Prevention Tips for Pleurisy)
- धूम्रपान और प्रदूषण से बचें।
- नियमित व्यायाम और प्राणायाम करें।
- संक्रमण से बचने के लिए हाइजीन का ध्यान रखें।
- विटामिन-सी युक्त आहार (आंवला, नींबू, अमरूद) लें।
निष्कर्ष (Conclusion)
प्लूरिसी एक दर्दनाक स्थिति है, लेकिन आयुर्वेदिक उपचार और जीवनशैली में बदलाव से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि लक्षण गंभीर हों, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।