काला मोतिया (ग्लूकोमा) क्या है?

काला मोतिया, जिसे अंग्रेजी में ग्लूकोमा (Glaucoma) कहते हैं, आँखों की एक गंभीर बीमारी है जिसमें आँखों के ऑप्टिक नर्व (दृष्टि तंत्रिका) को नुकसान पहुँचता है। यह आमतौर पर आँखों के अंदर दबाव (इंट्राओॉक्यूलर प्रेशर – IOP) बढ़ने के कारण होता है। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह अंधेपन का कारण बन सकता है।

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काले मोतिया के लक्षण

  • आँखों में दर्द और भारीपन
  • धुंधला दिखाई देना
  • रोशनी के आसपास रंगीन घेरे दिखना
  • सिरदर्द और मितली आना
  • आँखों का लाल होना

काला मोतिया होने के कारण (आयुर्वेद के अनुसार)

आयुर्वेद में काले मोतिया को “अधिमंथ” कहा जाता है। यह मुख्य रूप से वात और कफ दोष के असंतुलन के कारण होता है। कुछ प्रमुख कारण निम्न हैं:

  1. अनुचित आहार – अधिक नमक, मसालेदार और तैलीय भोजन
  2. तनाव और नींद की कमी
  3. आँखों पर अत्यधिक दबाव – लंबे समय तक कंप्यूटर/मोबाइल का उपयोग
  4. उच्च रक्तचाप और मधुमेह
  5. आनुवांशिक कारण

काले मोतिया का आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेद में काले मोतिया के इलाज के लिए दोष संतुलन, आहार-विहार में सुधार और हर्बल दवाओं का उपयोग किया जाता है।

1. आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ और उपचार

  • त्रिफला चूर्ण – रात को गुनगुने पानी के साथ लें, यह आँखों के लिए टॉनिक का काम करता है।
  • **आँखों में घृत (गाय का घी) डालने से आँखों की नमी बनी रहती है।
  • अमलाकी (आंवला) – विटामिन सी से भरपूर, यह आँखों की रोशनी बढ़ाता है।
  • सारिवादि क्वाथ – आँखों के दबाव को कम करने में मदद करता है।

2. आयुर्वेदिक आहार (डाइट)

  • हरी पत्तेदार सब्जियाँ – पालक, मेथी, धनिया
  • विटामिन ए युक्त भोजन – गाजर, आंवला, पपीता
  • हल्दी वाला दूध – सूजन कम करने में मददगार
  • अधिक पानी पिएँ – शरीर के टॉक्सिन्स बाहर निकालें

3. योग और प्राणायाम

  • त्राटक क्रिया – मोमबत्ती की लौ को देखने से आँखों की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं।
  • अनुलोम-विलोम प्राणायाम – तनाव कम करता है।
  • शवासन – आँखों की थकान दूर करता है।

काले मोतिया से बचाव के उपाय

✅ नियमित आँखों की जाँच करवाएँ।
✅ धूप के चश्मे का उपयोग करें।
✅ कंप्यूटर/मोबाइल पर लगातार न देखें, 20-20-20 नियम अपनाएँ (हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें)।
✅ तनाव से दूर रहें, पर्याप्त नींद लें।

निष्कर्ष

काला मोतिया एक गंभीर बीमारी है, लेकिन आयुर्वेदिक उपचार, सही आहार और जीवनशैली में बदलाव करके इसे नियंत्रित किया जा सकता है। अगर आपको आँखों से जुड़ी कोई समस्या हो, तो तुरंत आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लें।

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यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी उपचार से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।

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