1. त्रिदोष सिद्धांत (वात, पित्त, कफ) – शरीर में इन तीनों दोषों का संतुलन ही स्वास्थ्य की कुंजी है।
  2. पंचमहाभूत (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश) – शरीर और प्रकृति का संबंध।
  3. दिनचर्या और ऋतुचर्या – दैनिक और मौसमी आहार-विहार का पालन।

वैदिक आयुर्वेद के स्वास्थ्य लाभ

वैदिक आयुर्वेद न केवल बीमारियों को ठीक करता है, बल्कि उन्हें होने से रोकता भी है। आइए जानते हैं इसके प्रमुख लाभ:

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1. पाचन तंत्र को मजबूत बनाए

  • हर्बल चाय (अदरक, तुलसी, सौंफ) पाचन शक्ति बढ़ाती है।
  • त्रिफला चूर्ण कब्ज और गैस से राहत दिलाता है।

2. तनाव और अनिद्रा का समाधान

  • अश्वगंधा और ब्राह्मी तनाव कम करते हैं।
  • रात को सोने से पहले गर्म दूध में केसर अनिद्रा दूर करता है।

3. त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद

  • नारियल तेल और नीम त्वचा संक्रमण से बचाते हैं।
  • आंवला और भृंगराज बालों को मजबूत और घना बनाते हैं।

4. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

  • गिलोय और अमला जूस इम्यूनिटी बूस्टर हैं।
  • हल्दी वाला दूध सर्दी-जुकाम से बचाव करता है।

दैनिक जीवन में वैदिक आयुर्वेद के उपयोगी टिप्स

  1. सुबह उठकर गुनगुना पानी पिएं – यह शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालता है।
  2. योग और प्राणायाम करें – श्वास और शारीरिक संतुलन के लिए फायदेमंद।
  3. सात्विक आहार लें – ताजे फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं।
  4. रात को जल्दी सोएं और सुबह जल्दी उठें – प्राकृतिक जीवनचक्र का पालन करें।