पाइल्स (बवासीर) और फिशर क्या हैं?

पाइल्स (बवासीर) और फिशर दोनों गुदा (एनस) से जुड़ी समस्याएं हैं, जो आजकल आम हो गई हैं। इनमें दर्द, खुजली, सूजन और खून आने जैसे लक्षण देखे जाते हैं।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
  • बवासीर (Piles/Hemorrhoids): यह गुदा के अंदर या बाहर की नसों में सूजन के कारण होता है।
  • फिशर (Anal Fissure): यह गुदा के आसपास की त्वचा में छोटा-सा कट या दरार होता है, जिससे तेज दर्द और खून आ सकता है।

बवासीर और फिशर के कारण (Causes of Piles and Fissure in Hindi)

  1. कब्ज (Constipation) – मल सख्त होने से गुदा पर दबाव पड़ता है।
  2. गलत खानपान (Unhealthy Diet) – मसालेदार, तला-भुना और फाइबर की कमी वाला भोजन।
  3. लंबे समय तक बैठे रहना (Prolonged Sitting) – ऑफिस या ट्रेवल में ज्यादा देर बैठना।
  4. प्रेगनेंसी (Pregnancy) – गर्भावस्था में पेल्विक एरिया पर दबाव बढ़ता है।
  5. मोटापा (Obesity) – वजन बढ़ने से पाचन तंत्र पर असर पड़ता है।

आयुर्वेद के अनुसार बवासीर और फिशर का इलाज (Ayurvedic Treatment for Piles and Fissure)

आयुर्वेद में बवासीर और फिशर को “अर्श” रोग कहा जाता है, जो वात, पित्त और कफ दोष के असंतुलन से होता है। आयुर्वेदिक उपचार से इसे जड़ से ठीक किया जा सकता है।

1. आयुर्वेदिक दवाएं (Ayurvedic Medicines)

  • त्रिफला चूर्ण (Triphala Churna) – रात को गर्म पानी के साथ लें, कब्ज दूर करता है।
  • अभ्यारिष्ट (Abhayarishta) – पाचन शक्ति बढ़ाता है और मल को नरम करता है।
  • कुटज घन वटी (Kutaj Ghan Vati) – दस्त और पाचन समस्याओं में फायदेमंद।
  • हरिद्रा खंड (Haridra Khand) – सूजन और दर्द को कम करता है।

2. घरेलू उपाय (Home Remedies)

  • अलसी के बीज (Flaxseeds) – फाइबर से भरपूर, कब्ज दूर करता है।
  • एलोवेरा जेल (Aloe Vera Gel) – फिशर के घाव पर लगाने से आराम मिलता है।
  • नारियल तेल (Coconut Oil) – गुदा पर लगाने से सूजन और खुजली कम होती है।
  • गर्म पानी से सिकाई (Sitz Bath) – दिन में 2-3 बार गर्म पानी में बैठने से दर्द कम होता है।

3. डाइट और लाइफस्टाइल (Diet and Lifestyle Changes)

✅ फाइबर युक्त भोजन: हरी सब्जियां, फल, दालें, ओट्स खाएं।
✅ पानी ज्यादा पिएं: दिन में 8-10 गिलास पानी पीने से कब्ज नहीं होगा।
✅ नियमित व्यायाम: योगासन (पवनमुक्तासन, मलासन) और वॉक करें।
❌ न खाएं: मिर्च-मसाले, तला हुआ भोजन, अधिक चाय-कॉफी।

बवासीर और फिशर से बचाव (Prevention Tips)

  • सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पिएं।
  • मल त्याग के समय जोर न लगाएं।
  • लंबे समय तक टॉयलेट में न बैठें।
  • तनाव कम करें, योग और प्राणायाम करें।

निष्कर्ष (Conclusion)

बवासीर और फिशर एक दर्दनाक समस्या है, लेकिन आयुर्वेदिक उपचार और सही जीवनशैली से इसे ठीक किया जा सकता है। अगर समस्या गंभीर है, तो आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लें।