परिचय

एलर्जिक रिएक्शन (Allergic Reactions) एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो तब होती है जब हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) हानिरहित पदार्थों को हानिकारक समझकर प्रतिक्रिया देती है। यह धूल, पराग, कुछ खाद्य पदार्थ, कीट के काटने या दवाओं के कारण हो सकता है। आयुर्वेद में एलर्जी को “दोष असंतुलन” (वात, पित्त, कफ) से जोड़कर देखा जाता है और इसका प्राकृतिक उपचार संभव है।

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एलर्जी के प्रमुख लक्षण (Symptoms of Allergic Reactions)

  • छींक आना, नाक बहना या बंद होना
  • आँखों में खुजली, लालिमा या पानी आना
  • त्वचा पर लाल चकत्ते, खुजली या सूजन (Urticaria)
  • सांस लेने में तकलीफ, घरघराहट (Asthma)
  • पेट दर्द, उल्टी या दस्त (Food Allergy)

आयुर्वेद के अनुसार एलर्जी का कारण (Causes in Ayurveda)

आयुर्वेद के अनुसार, एलर्जी मुख्यतः कफ दोष और पित्त दोष के असंतुलन के कारण होती है। जब शरीर में अमा (Toxins) जमा हो जाता है, तो प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है और एलर्जी की प्रतिक्रिया बढ़ जाती है।

मुख्य कारण:

  • अनुचित आहार (जैसे अधिक ठंडा, तला हुआ या प्रोसेस्ड खाना)
  • मौसमी बदलाव (वसंत ऋतु में पराग कणों से एलर्जी)
  • कमजोर पाचन तंत्र (Weak Agni)
  • तनाव और नींद की कमी

एलर्जी का आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic Treatment for Allergies)

1. आहार में सुधार (Dietary Changes)

  • कफ शामक आहार: गर्म पानी, अदरक की चाय, शहद, हल्दी वाला दूध।
  • पित्त शांत करने वाले खाद्य: नारियल पानी, खीरा, ताजे फल।
  • एलर्जी बढ़ाने वाले खाद्य से परहेज: दही, ठंडे पेय, जंक फूड।

2. जड़ी-बूटियाँ और औषधियाँ (Herbal Remedies)

  • हल्दी (Turmeric): एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर, दूध में मिलाकर पिएँ।
  • तुलसी (Basil): प्रतिरक्षा बढ़ाने में मददगार, काढ़े में उपयोग करें।
  • अश्वगंधा (Ashwagandha): तनाव कम करके एलर्जी से बचाव करता है।
  • त्रिफला (Triphala): शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने में सहायक।

3. योग और प्राणायाम (Yoga & Breathing Exercises)

  • कपालभाति प्राणायाम: श्वसन तंत्र को मजबूत करता है।
  • अनुलोम-विलोम: एलर्जिक अस्थमा में लाभकारी।
  • सेतुबंधासन (Bridge Pose): साइनस और नाक की एलर्जी में आराम देता है।

4. घरेलू उपचार (Home Remedies)

  • शहद और नींबू: गर्म पानी में मिलाकर पीने से गले की खराश दूर होती है।
  • अदरक का रस: शहद के साथ लेने से सर्दी-जुकाम में आराम मिलता है।
  • नारियल तेल की मालिश: त्वचा की खुजली और रैशेज को शांत करता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

एलर्जी से बचाव के लिए आयुर्वेद एक प्राकृतिक और सुरक्षित विकल्प प्रदान करता है। संतुलित आहार, नियमित योग और जड़ी-बूटियों का सेवन करके आप एलर्जिक रिएक्शन को नियंत्रित कर सकते हैं। यदि समस्या गंभीर हो, तो किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें।